पूर्व गृह राज्यमंत्री से रंगदारी का मामला शक के घेरे में
मुजफ्फरनगर। पूर्व गृह राज्यमंत्री व पूर्व कांग्रेस सांसद सईदुज्जमां से रंगदारी मांगने व बेटे की हत्या की धमकी दिए जाने का मामला शक के दायरे में आ गया है। पूर्व सांसद द्वारा मुकदमे में नामजद कराए गए चारों मोबाइल नंबरों के मालिक थाने पहुंच गए और कॉल रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराते हुए रंगदारी व धमकी की बात को नकार दिया। पुलिस अब इस मामले में एफआर लगाने की तैयारी कर रही है।
खालापार निवासी पूर्व गृह राज्यमंत्री व पूर्व सांसद सईदुज्जमां ने 18 जनवरी को शहर कोतवाली में तहरीर देकर चार मोबाइल नंबर उपलब्ध कराते हुए उनके जरिये दस लाख की रंगदारी मांगे जाने और न देने पर बेटे सलमान सईद की हत्या की धमकी दिए जाने का आरोप लगाया था। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। इंस्पेक्टर अनिल कपरवान ने बताया कि पूर्व सांसद द्वारा दिए गए चारों मोबाइल नंबरों में दो नंबर शामली जनपद के थाना झिंझाना क्षेत्र के गांव रोटन निवासी कांग्रेस नेता भूरा प्रधान के पाए गए हैं। तीसरा मोबाइल नंबर कैराना कोतवाली क्षेत्र के गांव सुन्हेटी निवासी हाफिज उस्मान और चौथा मोबाइल नंबर झिंझाना क्षेत्र के गांव असदपुर निवासी शौकत प्रधान की पत्नी का पाया गया। बृहस्पतिवार को उक्त तीनों लोग थाने पहुंचे और इंस्पेक्टर अनिल कपरवान से बात कर बताया कि उन्होंने पूर्व सांसद से किसी तरह की कोई रंगदारी नहीं मांगी है और न ही धमकी दी है। तीनों लोगों ने बताया कि उन्हें बवाल में पूर्व सांसद के बेटे की दो गाड़ियों को आग लगाए जाने की जानकारी अखबार के माध्यम से मिली थी, जिसके बाद उन्होंने पूर्व सांसद से कॉल कर कार जलाए जाने के संबंध में जानकारी ली थी। इस वार्ता की कॉल रिकॉर्डिंग भी तीनों लोगों ने पुलिस को सौंप दी और निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की गुहार लगाई। इंस्पेक्टर अनिल कपरवान ने बताया कि उक्त कॉल रिकॉर्डिंग और आरोपियों के बयानों के आधार पर मामला फर्जी पाया जा रहा है। दिए गए चारों मोबाइल नंबर मौअज्जिज लोगों के हैं। साक्ष्यों के आधार पर जांच करते हुए यदि कोई आरोप साबित नहीं होता है तो मामले में एफआर लगाई जाएगी।